जिनसे अपना शहर नहीं संभल रहा वह प्रदेश क्या संभालेगें?

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लखनऊ (ज़मीनी सच)-समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार के नाम पर विकास के बड़े-बडे़ सपने दिखाए गए थे। भाजपा ने बिना कुछ काम किए साढ़े तीन साल बिता दिए। अब तो सभी यह मानने लगे हैं कि उत्तर प्रदेश में डबल इंजन नहीं डबल दुर्गति की सरकार है। इस सरकार के गठन के समय मुख्यमंत्री जी ने दावा किया था कि अपराधी या तो जेल में होेगें या फिर प्रदेश के बाहर हो जाएगे। लगता है मुख्यमंत्री जी ने भी भाजपा की पंरपरा को निभाते हुए अपने वादो को जुमला मानकर, कोई सख्त कदम उठाने के बजाए, आंख मूंदकर बैठ गए है।
भाजपा राज में महिलाओं के खिलाफ अपराध थम नहीं रहे है। चाहे गोरखपुर मंडल हो या अन्य मंडल सब में अपराधों के आंकड़ों में एक दूसरे को पछाड़ने की होड़ लगी है। पिछले दो वर्षो की अपेक्षा इस वर्ष आठ माह में ही महिलाओं के प्रति अपराध की घटनाएं बढ़ गई है। महिलाओं, बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाएं 8 माह में गत वर्ष के बराबर घटी है। अयोध्या में चलती बस में बेटी से गैगरेप तो लखीमपुर में 3 साल की बच्ची से रेप के बाद हत्या। लखीमपुर में 20 दिन के भीतर बच्चियों के संग दरिंदगी की तीन घटनाएं घटी। इनामी अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही में मुख्यमंत्री का जिला बहुत पीछे है।
मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में जो ‘ठोको आर्डर‘ जारी किया उससे पुलिस की हिरासत में हत्याओं और फर्जी इन्काउंटरो का क्रम प्रारंभ हो गया है। कानून की मर्यादाओं को तोड़ते हुए रायबरेली, बलिया के बाद श्रावस्ती के गिलौला थाने में 8 दिन तक ननके दर्जी को हिरासत में रखकर थर्ड डिग्री टार्चर किया गया। उसकी दर्दनाक मौत हो गई। उत्तर प्रदेश की बदनामी स्वयं भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री जी करा रहे हैं। इस घटना के पीड़ित परिजनों से मिलने और संवेदना जताने जा रहे समाजवादी पार्टी के एमएलसी डा0 राजपाल कश्यप और श्रावस्ती के जिलाध्यक्ष को गिरफ्तार कर लिया गया। यह कृृत्य निंदनीय है। पीड़ित परिवार को समाजवादी पार्टी 1 लाख रूपए की मदद देगी। भाजपा सरकार कम से कम 25 लाख रूपए की मदद दे। पुलिस हिरासत में मौतों पर मानवाधिकार आयोग कई नोटिसे खुद सरकार को दे चुका है पर स्थिति में सुधार के कोई लक्षण नहीं दिखाई दे रहे है।
यह स्थिति अत्यंत दुःखद और शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री जी के गृृह जनपद गोरखपुर में बलात्कार और अपहरण का यही हाल रहा तो लोग गोरखपुर की जगह इसे कुछ और कहने लगेगें। जिनसे अपना शहर नहीं संभल रहा वह प्रदेश क्या संभालेगें? कोई उन्हें ज्ञान दे कि अपराध के रहते विकास नहीं हो सकता है।
भाजपा राज में पुलिस का काम कानून व्यवस्था का नियंत्रण नहीं रह गया है। वह अपराधियों पर हाथ डालने से तो बचती है परन्तु छात्रों पर बर्बरता से लाठियां तोड़ने में आगे रहती है। गरीब फरियादी की मदद की जगह उसे ही हवालात में डालकर गालियां देती है जबकि हिस्ट्रीशीटरो की आवभगत की जाती है। मुख्यमंत्री जी इस सबसे निश्चिंत कान बंद किए हुए है।

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