महात्मा गाँधी भारत के लिये एक वरदान थे

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लखनऊ (ज़मीनी सच)-उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के पी0आई0बी0 द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती समारोह के अवसर पर आयोजित वेबिनार को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वच्छता, स्वदेशी और स्वावलंबन गांधी जी द्वारा बताये गये ऐसे मंत्र हंै, जो कोविड-19 जैसी महामारी और उससे उत्पन्न हुई परिस्थितियों के समाधान में सहायक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि गांधी जी के अर्थ दर्शन के अनुसार हमें चुनौती, शक्ति, परिस्थिति और संसाधन को मिलाकर अवसर में विकसित करना है।
श्रीमती पटेल ने कहा कि महात्मा गाँधी वास्तव में भारत के लिये एक वरदान थे। गांधी जी आज विश्व चिन्तन का विषय हैं, चाहे वह रोजगार हो या विश्व-शांति की स्थापना हो। उन्होंने कहा कि गांधी जी जिन आदर्शों का पालन करते थे, वह हमारी सामूहिक जीवंत विरासत का हिस्सा है। इस विरासत में ‘एक राष्ट्र’ होने का विचार समाहित है। गांधी जी कुटीर और ग्रामीण उद्योग को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण मानते थे। इसीलिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए ‘वोकल फाॅर लोकल’ पर जोर दिया है।
इस अवसर पर विधायक श्री सुरेश श्रीवास्तव, पी0आई0बी0 लखनऊ के क्षेत्रीय ए0डी0जी0 श्री आर0पी0 सरोज, छपरा विश्वविद्यलय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर हरिकेश सिंह, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के प्रोफेसर राम प्रकाश, बाबा भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रोफेसर महेन्द्र कुमार पाधी, लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मुकुल श्रीवास्तव एवं पी0आई0बी0 के उप निदेशक डाॅ0 श्रीकांत श्रीवास्तव आनलाइन उपस्थित थे।

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