रामपुर- ज़मीनी सच संवाददाता-कोरोना का खौफ इतना बढ़ गया है कि हर आदमी अब इससे डरने लगा है। अनपढ़ तो अनपढ़ अब ज़िले के बड़े अधिकारी भी इतने खौफ में हैं कि वह कोरोना संक्रमण से मरे व्यक्ति का शव लेने से भी डरते हैं। मामला रामपुर के टांडा का हैं जहाॅं एक वयिक्त कोरोना से संक्रमित हो गया था जिसे एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जिसका देहांत टांडा के टीएमयू अस्पताल में हो गया। शव नियमों को लेकर दो जिलों के डीएम आमने सामने आ गए। और इस दौराम 20 घण्टे से भी अधिक समय तक व्यक्ति का शव अस्पताल लावारिस हालत में अस्पताल में पड़ा रहा।
डब्ल्यूएचओ कि गाइडलाइंस के अनुसार शव को भिजवाने का इंतजाम वहाॅं के प्रशासन को करना होता है।
रामपुर के डीएम के अनुसार व्यक्ति का देहान्त मुरादाबाद में हुआ था जिस कारण वहाॅ के डीएम को शव भिजवाने कि जिम्मेदारी पूरी करनी चाहिए। और वहीं दूसरी तरफ मुरादाबाद के डीएम के अनुसार जिस जनपद का शव होगा वहाॅ का प्रशासन मृतक के गृह जनपद तक शव को पहुंचाएगा।
दोनो डीएम के आमने सामने होने के कारण शव वही पर पड़ा रहा। करीब रात आठ बजे प्रशासन कि आपसी सहमति से शव को मुरादाबाद प्रशासन ने रामपुर कि सीमा तक पुलिस सुरक्षा में भिजवाया।