उत्तर प्रदेश के भदोही में शिक्षिका से बलात्कार कर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर आठ साल तक किया बलात्कार

दो बार गर्भवती होने पर नशीला पदार्थ खिला कर कराया महिला का गर्भपात

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भदोही :उत्तर प्रदेश के भदोही में शादी का झांसा देकर आठ साल तक एक तीस साल की शिक्षिका का यौनशोषण करने वाले कालीन व्यवसाई आरोपी ने कोर्ट में आत्मसम्पर्ण कर दिया जिसे कोर्ट ने चौदह दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया है। पुलिस ने यह जानकारी बुधवार को देते हुए बताया की इससे पहले मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आशुतोष की अदालत ने बलात्कार के फरार आरोपी वाजिद को गिरफ्तार करने के लिए गैरजमानती वारंट दो जनवरी को जारी कर दिया था। गैरजमानती वारंट को पुलिस की मिलीभगत से थाना नहीं भेजा गया और बलात्कार के आरोपी ने पुलिस के साथ जाकर अदालत में आत्मसम्पर्ण कर दिया। मामला जिले के औराई थाना के क्षेत्र का है ,पुलिस ने कहा की गैरजमानती वारंट थाना और खमरिया चौकी इंचार्ज राम नारायण शुक्ल ने कहा वारंट नहीं  नहीं मिला और इस बात की जानकारी आरोपी को मिल जाने से मंगलवार को उसने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। भदोही पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने बताया की दर्ज मुकदमे के हवाले से बताया की प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने वाली तीस साल की लड़की ने 28 अप्रैल 2019 को इस आरोप के साथ एक मुकदमा दर्ज कराया की साल 2011 से उसी क्षेत्र के एक कालीन व्यवसाई वाजिद अली से उसका सम्बन्ध हुआ और वाजिद ने अपनी कार्पेट कंपनी में बुला कर उससे शारीरिक सम्बन्ध बना लिए इसके बाद वह शादी करने की बात कहकर लगातार उससे बलात्कार करता रहा और इस दौरान उसे दो बार गर्भवती होने पर नशीली चीज़ खिलाकर उसका गर्भवात ज़बरदस्ती करा दिया। दर्ज मुकदमे में टीचर ने बताया है की 22 अप्रैल 2019 को उसने घर में घुसकर इसी तरह बलात्कार करते रहने की धमकी दी और उसे तथा परिवार वालों द्वारा किसी को बताने पर सभी को जान से मारने की बात कहकर भाग गया। पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने बताया इस मामले शिक्षिका की तहरीर पर धारा 376,313,420,506 में 28 अप्रैल 2019 को मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपी तब से फरार था ,और उसने हाईकोर्ट से अग्रिम ज़मानत ली थी  जिसे बाद में पीड़िता पक्ष ने याचिका देकर अग्रिम ज़मानत रद्द करवाने में सफलता पाई।  इस दौरान उसकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी थे और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आशुतोष की कोर्ट से उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट 2 जनवरी 2021  को जारी हुआ। इसकी जानकारी आरोपी को होने पर उसने मंगलवार { पांच जनवरी} को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आत्मसमपर्ण कर दिया।पीड़िता ने आज  इस पूरे मामले में क्षेत्रीय थाना और चौकी के पुलिस अधिकारीयों पर आरोपी का साथ देने का आरोप लगाया है। इसके अलावा पीड़िता का कहना है की मुकदमा दर्ज किये जाने के बाद उस वक़्त इन्स्पेक्टर रहे के.के.सिंह ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया और उसे हाईकोर्ट से अग्रिम ज़मानत दिलाने में भरपूर भूमिका अदा की। पीड़िता ने दावे से कहा की इन्स्पेक्टर और चौकी इंचार्ज उससे मुकदमा उठाने की धमकी देकर पैसे के लेन -देन की बात करते रहे मेरे इंकार पर मेरे घर के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगा कर हर समय वही घर के पास रखे एक मॉनिटर से नज़र रखते है जब भी पिता के साथ कोर्ट या कही जाते है तो कई दबंग लोग जिसमे कुछ सफेदपोश नेता भी शामिल है कई गाड़ियों से पीछे लगे रहते है। लगभग पंद्रह अलग -अलग मोबाइल फोन से लगातार धमकी मिल रही है जिसकी सूचना आला अधिकारी को दी गई है पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने पुलिस के आला अधिकारीयों से मांग करते हुए कहा है पीड़िता को न्याय दिलाने में अपनी भूमिका निभाने की गुज़ारिश की है साथ ही यह भी कहा है थाना से लेकर चौकी तक के सभी पुलिस कर्मी आला अफसरों के नाम से लाखों रूपये की धनउगाही कर भ्रमित करते है। पीड़िता का दावा है की यदि ज़रूरी हुआ तो ऐसे भ्रष्ट पुलिस कर्मियों के लेन -देन की बातचीत का पूरा ऑडियो  कोर्ट में वह देंगी।  

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